बजट 2023: यहां भारत के रोजगार संख्या पर आर्थिक सर्वेक्षण क्या कहता है?
क्या बजट 2023 रोजगार सृजन के वादे को पूरा कर सकता है?
बजट 2023 से युवाओं के लिए काफी उम्मीदे थी। युवाओं का कहना था कि इस साल के बजट में शिक्षा और रोजगार के लिए खास प्रावधान रहे ताकि युवाओं की चिंता और परेशानी थोड़ी कम हो सके। साथ ही चुनावी साल होने के कारण सरकार का पूरा प्रयास रहा कि इस साल के बजट में वे सभी प्रावधान सम्मिलित हो जिससे लोगों को संतुष्ट किया जा सके। युवा विकासशील भारत का भविष्य हैं, इसलिए ऐसे में सरकार ने अपने बजट में युवाओं की शिक्षा, रोजगार, स्किल और स्टार्टअप को लेकर खास सौगात शामिल की है।
नए रोजगार के अवसर
इस वित्त वर्ष में 7% की अपेक्षित आर्थिक वृद्धि और बजट में की गई घोषणाओं की एक श्रृंखला के साथ, नए रोजगार के अवसर क्षेत्रों के साथ-साथ कई लोगों को सार्थक और स्थायी रोजगार प्रदान करने वाले क्षेत्रों में सामने आएंगे।
केंद्रीय बजट 2023 में रोजगार के अनुकूल पहलों की भरमार है। 19,700 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ हाल ही में लॉन्च किए गए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन से 6 लाख से अधिक नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है। इसी तरह, 50 अतिरिक्त हवाईअड्डों, हेलीपोर्ट और वाटर एयरोड्रोम के निर्माण की घोषणा से भी स्थानीय रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
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वित्त मंत्री ने अगले तीन वर्षों के भीतर लाखों युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 शुरू करने की भी घोषणा की। ऑन-जॉब प्रशिक्षण, उद्योग साझेदारी और उद्योग की जरूरतों के साथ पाठ्यक्रमों के संरेखण पर जोर दिया जाएगा। यह योजना उद्योग 4.0 के लिए कोडिंग, एआई, रोबोटिक्स, मेक्ट्रोनिक्स, आईओटी, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन और सॉफ्ट स्किल्स जैसे नए दौर के पाठ्यक्रमों को भी कवर करेगी। युवाओं को अंतरराष्ट्रीय अवसरों के लिए कौशल प्रदान करने के लिए विभिन्न राज्यों में 30 कौशल भारत अंतर्राष्ट्रीय केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
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स्वरोजगार करने वाले बढ़े, वेतनभोगी घटे
सरकार दावा कर रही है कि कोरोना काल के संकट से अर्थव्यवस्था उबरने लगी है लेकिन आर्थिक सर्वे बताता है कि देश में वेतनभोगियों की संख्या में कमी हुई है हालांकि स्वरोजगार करने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है।पूंजी परिव्यय में 33% की वृद्धि स्वचालित रूप से निर्माण कार्य सृजित करेगी। कृषि के बाद, निर्माण भारत में सबसे बड़ा नियोक्ता है, डेलोइट इंडिया के पार्टनर आनंदोरूप घोष कहते हैं। वेतनभोगी कर्मचारी कार्यबल का केवल 23% हिस्सा हैं, जबकि स्व-नियोजित का प्रतिशत 55-56% जितना अधिक है। वेतनभोगी कर्मचारियों का प्रतिशत हर साल नीचे आ रहा है।
बजट के ठीक पहले मोदी सरकार ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। आंकड़ों के मुताबिक साल 2017-18 में जहां कामकाजी आबादी (working population) में 52% लोग स्वरोजगार करने वाले थे, वहीं 2020-21 में इनकी हिस्सेदारी बढ़कर 56% हो गई है। वहीं 2018-19 में नियमित वेतन पाने वालों की हिस्सेदारी जहां 24% थी, वहीं यह 2020-21 में घटकर 21% हो गई है। इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के लिए रोजगार में इजाफा हो रहा है।
बजट 2023 में अनेक घोषणाएं की गई है जैसे 7 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री ,रक्षा बजट भी बढ़ाया,महिलाओं के लिए खास ऐलान,रेलवे के लिए खोला खजाना ,PM आवास योजना पर फोकस ,कृषि पर फोकस,युवाओं पर खास ध्यान शामिल है।
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