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mahakal lok Ujjain: दीपावली से पहले महाकाल में दिवाली,जानें महाकाल लोक की विशेषता,देखें वीडियो

उज्जैन | | भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक तीसरे स्थान पर विराजित उज्जैन के दक्षिण मुखी बाबा महाकालेश्वर मंदिर mahakal lok Ujjain की महिमा अपने आप में निराली है. इस मंदिर की महिमा का वर्णन पुराणों के अवन्तिका खंड में भी किया गया है।

मंगलवार को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी “महाकाल लोक” mahakal lok Ujjain के पहले चरण का लोकार्पण करेंगे.

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mahakal lok Ujjain कवि कालिदास ने भी किया वर्णन

उज्जयिनी के कालजयी महाकवि कालिदास ने भी महाकालेश्वर मंदिर mahakal lok Ujjain को भावनात्मक रूप से समृद्ध किया है। एक समय था, जब उज्जैन भारतीय काल गणना का केंद्र माना था और महाकाल को उज्जैन का पीठासीन देवता माना जाता था।

mahakal lok Ujjain का पहला चरण पूर्ण

महाकाल लोक mahakal lok Ujjain के पहले चरण का काम पूरी तरह से पूरा हो गया है. 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी PM NARENDRA MODI इसका लोकार्पण करेंगे। भारत भर के लोगों के बीच इस बात को लेकर उत्सुकता है कि महाकाल लोक (mahakal lok details news) की खासियत क्या है तो आईये जानते हैं महाकाल लोक की खासियत . . .

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mahakal lok Ujjain महाकाल लोक की खासियत

mahakal lok Ujjain महाकाल लोक का भव्य लुक दिन और रात दोनों ही समय भक्तों को आकर्षित कर रहा है। पहले इसका नाम महाकाल कॉरिडोर तय किया गया था लेकिन उद्घाटन से पहले प्रदेश सरकार की उज्जैन में आयोजित हुई केबिनट की बैठक में इसका नाम महाकाल लोक mahakal lok Ujjain कर दिया  दिया गया. इस mahakal lok Ujjain का निर्माण दो चरणों में किया जा रहा है  जिसकी लागत 856 करोड़ रुपये है पहले चरण में 600 करोड़ के कार्यों को अंजाम दिया गया है.

यहाँ देखें वीडियो

mahakal lok Ujjain में 190 मूर्तियां, 108 स्तंभ

महाकाल लोक mahakal lok Ujjain में भगवान शिव की लीलाओं पर आधारित 190 मूर्तियां तियार की गई हैं। वहीँ  मनकों की मालाओं में जोड़े गए 108 रुद्राक्ष  की तरह 108 स्तंभ स्थापित किए गए हैं, जिन पर भगवान शिव और उनके गणों की विभिन्न आकर्षक मुद्राएं बनाई गई हैं। पूरे परिसर में 18 फीट ऊँचाई की 8 प्रतिमाएं भी शामिल हैं। इनमें नटराज, शिव, गणेश, कार्तिकेय, दत्तात्रेय अवतार, पंचमुखी हनुमान, चंद्रशेखर महादेव की कहानी, शिव और सती, समुद्र मंथन दृश्य शामिल है।

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mahakal lok Ujjain में 23 प्रतिमाएं आकर्षण का केंद्र

mahakal lok Ujjain परिसर में 23 प्रतिमाओं की ऊंचाई 15 फीट रखी गई हैं, इनमें शिव नृत्य, 11 रुद्र अवतार, महेश्वर अवतार, अघोर अवतार, काल भैरव, शरभ अवतार, खंडोबा अवतार, वीरभद्र द्वारा दक्ष वध, शिव बारात, मणि भद्र, गणेश और कार्तिकेय से साथ पार्वती, सूर्य और कपालमोचक शिव शामिल हैं।

वहीं, 17 प्रतिमाएं 11 फीट की हैं। इनमें प्रवेश द्वार पर श्री गणेश, अर्द्धनारीश्वर, अष्ट भैरव, ऋषि भारद्वाज, वशिष्ठ, विश्वमित्र, गौतम, कश्यप, जमदग्नी शामिल हैं। 8 प्रतिमाएं महाकाल लोक में 10 फीट की है। इनमें लेटे हुए गणेश, हनुमान शिव अवतार, सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती, लकुलेश, पार्वती के साथ खेलते गणेश की प्रतिमा शामिल है।

इसके साथ ही महाकाल लोक में नौ फीट की 19 प्रतिमाएं हैं। इनमें यक्ष-यक्षिणी, सिंह, बटुक भैरव, सती, पार्वती, ऋषि भृंगी, विष्णु, नंदीकेश्वर, शिवभक्त, रावण, श्रीराम, परशुराम, अर्जुन, सती, ऋषि शुक्राचार्य, शनिदेव, ऋषि, दधिचि की प्रतिमाएं शामिल हैं।

महाकाल लोक mahakal lok Ujjain की विशेषताएं

महाकाल लोक में 26 फीट ऊंचा नंदी द्वार मुख्य आकर्षण का केंद्र है। इसके बाद शिवमय संकुल की भी अलग खासियत है। महाकाल संकुल को पूर्णता शिवमय सजाया गया है, इसमें कमल कुंड, सप्त ऋषि, मंडल, शिव स्तंभ, मुक्ताकाश रंगमंच का निर्माण प्रमुख है। पुराण प्रसिद्ध रुद्र सागर के तट विकास के साथ त्रिवेणी संग्रहालय का एकीकरण कर चारों ओर हरियाली भरा वातावरण रखा गया है। साथ में विशाल कॉरीडोर में 111 फीट लंबे संपूर्ण शिव विवाह के वृतांत को प्रदर्शित करते हुए म्यूरल पेंटिंग प्रदर्शित की गई हैं।

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mahakal lok Ujjain में शिव पुराण की कथाएं

mahakal lok Ujjain को शिव अवतार वाटिका में भगवान शिव से जुड़ी कथाएं और विशाल प्रतिमाएं स्थापित की गई है। त्रिपुरारी महाकाल- महाकाल संकुल में भव्य मूर्तिशिल्प स्थापित की गई है। इसमें स्वयं ब्रह्मा जी रथ के सारथी हैं। यह संदेश देती है कि अधर्म पर सदैव ही धर्म की विजय होती है।

वहीं, mahakal lok Ujjain में कैलाश पर्वत और रावण साधना को भी दिखाया गया है। इसमें असुरराज रावण ने कठोर तप करके महादेव को प्रसन्न किया था। इस प्रसंग को भी प्रतिमा में दर्शाया गया है। नृत्य करते गजानन को भी दिखाया गया है। मौन साधना करते सप्तऋषि की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं।

mahakal lok Ujjain में रुद्र सागर का कायाकल्प

इसके साथ ही महाकाल मंदिर से लगे रुद्र सागर का भी कायाकल्प किया गया है. यह सरोवर उज्जैन के सात सरोवरों में से प्रमुख है, कहा जाता है कि श्रावण मॉस में सप्त सागरों की परिक्रमा और पूजन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. महाकाल दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु रूद्र सागर तालाब में नौका विहार का आनंद भी ले सकेंगे।

mahakal lok Ujjain के 108 विशाल स्तंभ

महाकाल प्रांगण mahakal lok Ujjain में आने वाले श्रद्धालुओं को महाकाल लोक प्रांगन में 108 विशाल स्तंभ भी दिखाई देंगे.जिस पर महादेव के परिवार के चित्र उकेरे गए हैं. यह चित्र भी प्रतिमा के स्वरूप बने हैं और इनमें शिव, शक्ति, कार्तिकेय और गणेश की लीलाओं का वर्णन है। इसके साथ ही श्रद्धालुओं को मंदिर जाने में सुगमता के लिए 900 मीटर लंबा महाकालेश्वर पथ बना है, यहां से भक्त पैदल और गोल्फ कार से जाकर दर्शन कर सकेंगे।

mahakal lok Ujjain में नवग्रह वाटिका

mahakal lok Ujjain में नवग्रह वाटिका भी बनाई गई है जिसमे मुक्ताकाश रंगमंच, स्वागत संकुल की दुकानें, त्रिपुरासुर वध, शिवपुराण आधारित भित्ति चित्र दीवार अपनी मनमोहक आभा बिखेर रही हैं। वहीं, पूरे परिसर में किसी गाइड की आवश्यकता नहीं होगी। मूर्तियां स्वयं इतिहास की जानकारी देंगी।

बारकोड से मिलेगी mahakal lok Ujjain की जानकारी  

मंदिर समिति की और से मूर्तियों की जानकारी हासिल करने के लिए बारकोड भी तैयार किया गया है जिसे स्केन करते ही ऑडियो के साथ मूर्तियों की पूरी जानकारी मिलेगी इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि मूक बधिर और इसे सुनकर और मोबाईल पर देखकर मंदिर के इतिहास, महाकाल लोक और परिसर की मूर्तियों की जानकारी हासिल कर सकेंगे.

mahakal lok Ujjain में पहला नाइट गार्डन

महाकाल लोक mahakal lok Ujjain में लगभग दो लाख लोग एक साथ दर्शन कर सकेंगे। साथ ही देश का पहला नाइट गार्डन यहां बनवाया गया है। रात में इसकी भव्यता देखते बनती है।

इतने क्षेत्र में फैला mahakal lok Ujjain

2016 के पहले महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का क्षेत्रफल 2.82 हेक्टेयर था, जो mahakal lok Ujjain के पूरे होने के बाद बढ़कर 20.33 हेक्टेयर हो गया है। 25 फीट ऊंची लाल पत्थर की दीवारों पर शिवमहापुराण में उल्लेखित वर्णनों और भित्ति चित्र के रूप में निर्मित परिसर लोगों को अपनी और कार्शैत कर रहा है. कमल कुंड, पंचमुखी शिव स्तंभ, सप्त ऋषि, त्रिवेणी मंडपम में बनकर तैयार हुआ है। महाकाल लोक परिसर में वैदिक घड़ी भी लगाई जा रही है।

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