सोमवती अमावस्या पर होगा दुर्लभ संयोग, जानिए तारीख, शुभ मुहूर्त और योग,फाल्गुन अमावस्या पर ऐसे करें पूजा
स्नान दान करने का शुभ मुहूर्त सुबह 7:00 से 8:25 तक, पूजा का विशेष शुभ मुहूर्त सुबह 9:50 से 11:15 तक रहेगा
सनातन पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन अमावस्या की तिथि होती है। इस महीने यह तिथि 20 फरवरी2023 सोमवार को रहेगी। अमावस्या सोमवार के दिन होने के कारण इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। अन्य अमावस्या की तुलना मेंसोमवती अमावस्या महत्व ज्यादा होता है। इस तिथि के स्वामी पितृ माने जाते हैं। इस दिन स्नान-दान करने से पितृ दोष, कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। पूर्वजों की कृपा से परिवार में खुशहाली आती है। ज्योतिष के अनुसार इस फाल्गुन अमावस्या पर शुभ योग का संयोग बन रहा है। सोमवती अमावस्या सोमवती अमावस्या 2023 के दिन दान पुण्य स्नान व्रत आदि का अपना एक अलग महत्व होता है इस दिन किए गए दान पुण्य स्नान का फल कई गुना मिलता है
सोमवती अमावस्या मुहूर्त
फाल्गुन अमावस्या की शुरुआत 19 फरवरी शाम को 4.21 बजे से शुरू हो रही है, यह तिथि 20 फरवरी को दोपहर 12.38 बजे संपन्न हो रही है। हालांकि स्नान दान का मुहूर्त 20 फरवरी को सुबह 7.00 से सुबह 8.25 तक है, जबकि पूजा मुहूर्त सुबह 9.50 से सुबह 11.15 बजे तक है।
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सोमवती अमावस्या का महत्व, इस दिन करे ये कार्य
मान्यता है कि यह अमावस्या सुख, संपत्ति और सौभाग्य को प्रदान करने वाली है। इस दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध करने से पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। अमावस्या पर गंगा स्नान, पूजा पाठ, व्रत, पितृ दोष और काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
- गायत्री मंत्र का जाप करें
- सोमवती अमावस्या के दिन दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल, शक्कर से शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें।
- ऊँ नम: शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें।
- चांदी से निर्मित नाग-नागिन की पूजा करें।
- सोमवती अमावस्या के दिन पीपल पर कच्चा सूत 108 बार लपेटते हुए परिक्रमा करें।
- 5 के फल भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को अर्पित करें और बाद में इन फलों कन्याओं को दान कर दें।
- इस दिन नदी, जलाशय, कुंड में स्नान के बाद पितरों का तर्पण करें।
- पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करें, गरीबों को दान दें।
- अमावस्या के दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल से दीपक जलाएं, पितरों को स्मरण करें और पीपल पेड़ की सात बार परिक्रमा करें।
- रूद्र, अग्नि और ब्राह्मणों की पूजा कर उन्हें उड़द, दही और पूड़ी का नैवेद्य अर्पित करें, स्वयं भी इन पदार्थों का एक बार सेवन करें।
- शिव मंदिर में जाकर गाय के कच्चे दूध, दही, शहद से शिवजी का अभिषेक करें और भगवान को काले तिल अर्पित करें।
- अमावस्या शनि देव का दिन माना जाता है, इसलिए इस दिन इनकी भी पूजा करनी चाहिए। यदि अमावस्या सोमवार को हो तो महाकुंभ स्नान योग बनता है जो अनंत फलदायी होता है।
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सुहागिन महिलाएं सोमवती अमावस्या का व्रत अवश्य करें
सोमवार 20 फरवरी 2023 दिन सोमवार को होगी बेहद ही सुखद रहने वाली है। सुहागिन महिलाओं, के लिए, अपने पति के लिए लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं, इस दिन पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर महिलाएं पूजा करती हैं। कहा जाता है कि भगवान विष्णु इस पीपल के पेड़ पर निवास करते हैं वृक्ष के नीचे बैठकर पूजा करके लाल धागा पेड़ पर लपेट ते हुए परिक्रमा करती हैं।
अपनी श्रद्धा के अनुसार जितने भी परिक्रमा करना चाहती हैं इससे उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं , सोमवती अमावस्या हर अमावस्या सबसे बड़ी मानी गई है, इस दिन स्नान दान करने से पितृ दोष ओर भी अन्य समस्याओं से मुक्ति मिलती है, कालसर्प से मुक्ति मिलती है और हमारे बड़े बुजुर्गों के आशीर्वाद से घर में सदैव शांति और धनधानय बना रहता है, और खुशहाली हमेशा बनी रहती और सुहागिन महिलाएं इस व्रत को अवश्य करें।
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